Free Tarbandi Yojana : नमस्कार किसान भाइयों, आज हम बाड़बंदी योजना के बारे में जानने जा रहे हैं। सरकार खेतों के चारों ओर बाड़ लगाने के लिए निःशुल्क बाड़ लगाने की योजना लागू कर रही है। इसके पीछे उद्देश्य जंगली जानवरों से किसानों की कृषि उपज को होने वाले नुकसान को रोकना, खेतों की सुरक्षा करना है; तो आइए विस्तार से जानते हैं कि यह योजना किन राज्यों में और कैसे लागू की गई है।
छोटे और सीमांत किसानों को लाभ Free Tarbandi Yojana
राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में तारबंदी योजना में बड़ा बदलाव किया है और अब छोटे एवं सीमांत किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इससे पहले इस योजना के तहत केवल 1.5 हेक्टेयर (लगभग 6 बीघा) भूमि वाले किसानों को ही सब्सिडी मिल सकती थी, जिससे इससे कम भूमि वाले किसान इस योजना से वंचित रह जाते थे। हालांकि, अब सरकार ने पात्रता की शर्तों में बदलाव करते हुए 0.5 हेक्टेयर यानी करीब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी इस योजना का लाभ देने का फैसला किया है।
बाड़बंदी योजना का मुख्य उद्देश्य
बाड़बंदी योजना का मुख्य उद्देश्य खेतों में फसलों की सुरक्षा करना है तथा आवारा व जंगली जानवरों से कृषि को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। किसानों को अपने खेतों के चारों ओर कांटेदार तार और चेनलिंक बाड़ की मदद से मजबूत बाड़ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 400 रनिंग मीटर तक की बाड़ लगाने के लिए 48,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी।
कुल लागत का 70% अनुदान
किसान इस योजना का लाभ व्यक्तिगत रूप से या समूह में उठा सकते हैं। यदि कम से कम 10 किसान एक समूह में मिलकर 5 हेक्टेयर (लगभग 20 बीघा) भूमि पर बाड़ लगाते हैं, तो उन्हें कुल लागत का 70% अनुदान दिया जाएगा। इस तरह प्रत्येक किसान को 5 लाख रुपये तक की सहायता मिल सकती है। 56,000.
ऐसे पाएं सब्सिडी
बाड़ लगाते समय हर 15 फीट पर लोहे या सीमेंट के खंभे लगाने पड़ते हैं। इसे 5 क्षैतिज और 2 ऊर्ध्वाधर कांटेदार तारों से ढका जाता है या चेनलिंक जाल का भी उपयोग किया जा सकता है। खंभों को मजबूती देने के लिए जमीन पर पीसीसी (प्लेन सीमेंट कंक्रीट) लगाना भी अनिवार्य है। किसानों को सभी कार्यों का बिल और हिसाब रखना पड़ता है, जो सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
कार्य पूर्ण होने के बाद संबंधित कृषि पर्यवेक्षक भौतिक सत्यापन करता है और फिर सूचना ‘राज किसान साथी’ पोर्टल पर अपलोड कर दी जाती है। सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।
आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसानों को अपने भूमि के दस्तावेज, जन आधार कार्ड, आधार कार्ड, लघु एवं सीमांत कृषक प्रमाण पत्र आदि आवश्यक दस्तावेजों के साथ नजदीकी ई-मित्र केन्द्र अथवा ‘राज किसान साथी’ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदनों का चयन ‘‘पहले आवेदन, पहले स्वीकृति’’ के सिद्धांत पर आधारित है।
तार बाड़ का उपयोग केवल फसल सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, यह कृषि के लिए एक सुरक्षित कवच के रूप में भी काम करता है। इससे किसान मानसिक रूप से मुक्त रह सकता है और खेती पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। इन योजनाओं से उत्पादन में वृद्धि होने तथा छोटे एवं सीमांत किसानों की कृषि को नई गति मिलने की संभावना है।
इस योजना के बारे में अधिक जानकारी सरकार के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
Disclaimer : उपरोक्त योजना राजस्थान सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही है। इसलिए इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के किसान ही उठा सकते हैं। अन्य राज्यों में भी तार बाड़ लगाने के लिए विशेष योजनाएं क्रियान्वित की गई हैं। यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो अपने जिले के कृषि कार्यालय में जाएं।